रियल व्यू न्यूज , शाहगंज /जौनपुर
नगर के शाहपंजा मोहल्ला स्थित संगत जी मन्दिर में भव्य श्रीराम कथा आयोजित किया गया। संगीतमयी श्री राम कथा के पांचवें दिन धनुषयज्ञ का वर्णन करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक पं. श्री दुर्ग विजय मिश्र ने भक्तों को कथा सुनाते हुए कहा की जिस समय रंगशाला में राम और लक्ष्मण जी गुरु विश्वामित्र के साथ पधारे उसी समय पूरे राजमहल में उल्लास का वातावरण छा गया। फुलवारी में एक झलक पाकर माता जानकी ने तो मन ही मन श्री राम को अपने पति के रूप में वरण कर लिया लिया था। तुलसीदास जी लिखते हैं कि जानकीजी ने मां गौरी कि पूजा करते हुए कहा कि हे माता! यदि हमने सच्चे मन से आप कि भक्ति की है तो मेरी प्रार्थना सुन लीजिए। यह धनुष आप के पति महादेव का है। आप उनकी अर्धांगिनी हैं। सो हे देवि ! यह धनुष तिनके के समान हल्का हो जाए , ताकि रामजी इसे आसानी से तोड़ सके ।
सीता राम के साथ जंगल में जीवन व्यतीत करती हैं। पति की आज्ञा मानकर राजमहल के भोग विलास का त्याग करती हैं। और महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रहते हुए दो सुंदर , वीर पुत्रों लव – कुश को जन्म देकर शस्त्र और शास्त्र दोनों में निपुण बनाती हैं। हम लोगों को माता सीता जी के जीवन से सीख लेने की जरूरत है। धनुष यज्ञ की लीला के दौरान जब श्री राम ने धनुष तोड़ा तो टूटते पंडाल मे भारी संख्या में श्रोता लोग भी खुशी से झूम उठें। जय श्री राम के गगन भेदी नारे से पूरा पाण्डाल गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम में लगें भव्य श्री सीताराम जी की झांकी के कलाकार अमित सोनी सुमित सोनी, प्रोपाइटर संजय मोदनवाल हनुमानजी का दर्शन करके लोग भाव विभोर हो गए।
इस दौरान प्रमुख रुप से यजमान अनिल कुमार मोदनवाल, सतीश गुप्त, भुवनेश्वर् मोदनवाल, शिवेंद्र गुप्त, विवेक सोनी, सुनीता, शीतल अग्रवाल, दीपक मिश्र, सुशील सेठ बागी इत्यादि लोग उपस्थित रहे।