17 वर्ष की उम्र में स्वास्तिक साहनी ने लिखा उपन्यास ‘स्ट्रैंगल्ड थ्रेड्स’
रिपोर्ट – चन्दन अग्रहरि
मेरठ । जिले के कक्षा 12वीं के छात्र स्वास्तिक साहनी ने 17 वर्ष की उम्र में उपन्यास “स्ट्रैंगल्ड थ्रेड्स” लिखा है, जिसे मेरठ के नगीन प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। इस उपन्यास में एक संदेश भी है तो रहस्य और रोमांच की दुनिया से जुड़ा मनोरंजन भी है। यह उपन्यास अमेजॉन पर भी उपलब्ध है।
दीवान पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र 17 वर्षीय स्वास्तिक साहनी का उपन्यास “स्ट्रैंगल्ड थ्रेड्स” हाल ही में प्रकाशित हुआ है। इस किशोर लेखक ने उपन्यास के माध्यम से अपनी कल्पना और यथार्थ के आधार पर अपने आसपास बिखरे हुए अनेक चरित्रों को एक उपन्यास के रूप में प्रस्तुत करते हुए मानवीय रिश्तों में आ रही उलझनों को बहुत ही रहस्य रोमांच के साथ अभिव्यक्ति दी है। स्वास्तिक साहनी का यह प्रथम उपन्यास जीवन की इन्हीं उलझनों को सुलझाने के एक संदेश पर आधारित है। इस पुस्तक की भूमिका उत्तर प्रदेश बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने लिखी है। डॉ. गुप्ता ने अपनी भूमिका में इस उपन्यास को एक किशोर मन की अनुभूतियों का जीवन दस्तावेज बताया है।
मेरठ के शहीद मंगल पांडे पीजी गर्ल्स कॉलेज में अंग्रेजी विभाग में सहायक प्रोफेसर स्वास्तिक साहनी की मां डॉ. उषा साहनी जो स्वयं भी एक कथाकार और कवयित्री हैं ने बताया कि स्वास्तिक को बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक था। अपने आसपास की प्रकृति को देखकर उसकी कल्पना शक्ति उड़ान भरने लगती थी और वह शब्दों के माध्यम से प्रकृति के सौंदर्य को व्यक्त करने लगा। अपने विद्यालय में पढ़ते हुए उसने छोटी-छोटी लघु नाटिकाओं का स्क्रिप्ट लेखन और निर्देशन भी किया। स्वास्तिक साहनी ने इस छोटी सी उम्र में ही विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान कायम की है। एक स्वयंसेवी संगठन स्माइल क्रिएटर के साथ भी वह जुड़ा हुआ है और उसके लिए कंटेंट राइटर के रूप में सहयोग दे रहा है।
बातचीत के दौरान स्वास्तिक ने बताया कि उसे लेखन के संस्कार अपनी मां से मिले हैं। आसपास के जीवन के जो विभिन्न पात्र हैं, उनसे उसे बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। वह जीवन की इस हलचल को बहुत ही गंभीरता से देखने और समझने की कोशिश करता रहा। इसी देखने समझने के प्रयास में उसकी अभिव्यक्ति विभिन्न रूपों में प्रकट होती रही, कभी कविता के रूप में तो कभी अपनी व्यक्तिगत डायरी के रूप में तो कभी छोटी-छोटी नाटिकाओं के रूप में। दसवीं क्लास तक आते-आते मन में चल रही यही हलचल एक उपन्यास के रूप में प्रकट होने के लिए लालायित हो उठी और मैंने संकल्प लिया कि मैं एक उपन्यास लिखूंगा। बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त होते-होते मेरे मन में यह सारे चरित्र कहीं न कहीं साकार होने लगे और मैंने कोरे कागज पर इन चरित्रों को अपने शब्द देने शुरू किए। 12वीं क्लास में आते आते अनायास एक वैश्विक महामारी के दौर से यह दुनिया अपने अपने घरों में सिमट गई और इसी आपदा को मैंने अवसर में बदलने के संकल्प के साथ अपने आप को इस उपन्यास के साथ जोड़ लिया। इस उपन्यास में एक संदेश भी है तो रहस्य और रोमांच की दुनिया से जुड़ा मनोरंजन भी है। पाठकों के लिए मेरी है यह कृति अमेजॉन पर उपलब्ध है। मेरठ के नगीन प्रकाशन ने इस उपन्यास को प्रकाशित किया है।
बता दें कि स्वास्तिक साहनी की कविताएं ई—पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। स्वास्तिक ने अपना एक यूट्यूब चैनल भी बनाया है जिसके माध्यम से हास्य व्यंग्य से जुड़ी हुई छोटी-छोटी प्रस्तुतियां भी अपलोड की गई है। स्वास्तिक की इच्छा है कि भविष्य में देश के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक उपाधि प्राप्त कर प्रशासनिक सेवाओं में या उसके समकक्ष किसी अन्य सेवा में जा सके लेकिन साहित्य साधना में वह हमेशा लगा रहना चाहता है। उसकी इच्छा है कि वह अपने लेखन के माध्यम से किशोरों और युवाओं की आशा आकांक्षाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सके। स्वास्तिक की स्वयं की भी पढ़ने में बहुत रुचि रही है। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में वह समान अधिकार से लिख सकने में सक्षम है किंतु मूलत: रहस्य रोमांच और इतिहास पर केंद्रित अंग्रेजी के उपन्यास पढ़ने में उसे विशेष आनंद की अनुभूति होती है।