जौनपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई है। ऐसे में प्रधानों का कार्यकाल भी समाप्त होने मात्र 16 दिन शेष बचे हुए हैं। जिसके कारण प्रधान अपने-अपने संबंधित ग्राम पंचायतों में पड़े धनराशि को खर्च करने में जुट गए हैं। वे और सचिव मिलकर प्रस्ताव बनाकर तेजी से काम कराकर धनराशि खर्च करने में जुटे हैं। जिससे समय रहते धनराशि खर्च हो जाए। जिले में 1740 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में तकरीबन 46 करोड़ 63लाख आठ हजार 823 रुपया अभी पड़ा हुआ है। उधर प्रधानों का पांच साल का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इधर समय से चुनाव होना भी संभव नहीं दिख रहा है। ऐसे में प्रशासक नियुक्त होने की संभावना दिख रही है। प्रशासक के रूप में एडीओ पंचायत नियुक्त होंगे। जिसके अंदर प्रधान की सारी शक्तियां निहित हो जाएगा। इसके मद्देनजर प्रधान तेजी से गांवों में विकास कार्य कराकर सारे पैसे को खर्च कर लेना चाह रहे हैं। इस समय प्रधान व सचिव मिलकर प्रस्ताव बनाकर तेजी से खड़ंजा लगवाने, विद्यालयों में विकलांग शौचालय बनवाने, पंचायत भवन बनवाने, सामुदायिक शौचालय आदि कार्य कराकर पैसा खर्च करने का काम कर रहे हैं। कारण उनको डर है कि कार्यकाल समाप्त होने पर उसका पावर नियुक्त प्रशासक को चला जाएगा। जिसके बाद बची धनराशि को चुनाव जीतकर आने वाला प्रधान खर्च करेगा। खैर अभी तक शासन से इस संबंध में कोई गाइड लाइन भी नहीं आई है। इस बाबत जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष कुमार ने कहा कि ” प्रधानों का कार्य 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। अभी तक प्रशासक नियुक्त करने या चुनाव कराने से संबंधित कोई गाइड लाइन नहीं आई है, लेकिन प्रधान अपने कार्यकाल समाप्त होने से पहले ग्राम पंचायतों में बची पूरी धनराशि को खर्च कर लेना चाह रहे हैं। हलांकि उनके ओर से कराए जा रहे कार्यो पर नजर रखा जा रहा है। इसके लिए एडीओ पंचायत को दिशा निर्देश दिया गया है। “
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