वाराणसी । वाराणसी में लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड ने चांदपुर इंडस्ट्रियल इस्टेट में सड़क, नाली और पटरी निर्माण कार्य का ठेका जौनपुर की एक फर्म को दिया है। हालांकि इस फर्म को लेकर जन सूचना के तहत मिली जानकारी में प्रपत्रों में कई खामियां हैं। फर्म के पास सड़क बनाने का अनुभव भी नहीं है। जिस पर लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
चांदपुर औद्योगिक आस्थान में लगभग 11 करोड़ की लागत से सड़क चौड़ीकरण, नाली व इंटरलॉकिंग पटरी का निर्माण कार्य होना है। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड ने यह काम जौनपुर की एक फर्म को दिया है। जिसने कार्य भी शुरू करा दिया है।
पहली बार यह टेंडर 9 जून 2020 को निकाला गया जो निरस्त हो गया। इसके बाद फिर 24 जुलाई को टेंडर हुआ और 3 फर्मों ने प्रतिभाग किया। जिसमें जौनपुर की एक फर्म को यह ठेका अगस्त में आवंटित हुआ।
कागजातों में है झोल
विभागीय जानकारों के अनुसार पहली बार टेंडर में फर्म ने पोर्टल पर जो दस्तावेज लगाए थे, वह दूसरी बार 24 जुलाई को हुए टेंडर में योग्यता से परिवर्तन के कारण फर्म द्वारा दस्तावेज दूसरी बार उसी पत्रांक क्रमांक के साथ लगाए गए हैं। दूसरी बार के टेंडर में सड़क निर्माण से संबंधित आवश्यक अनुभव जिसमें बीएम, एसडीबीसी के साथ सुदृढ़ीकरण का अनुभव होना जरूरी था।
जिसको फर्म द्वारा लगाए गए अनुभव प्रमाण पत्र में जोड़ दिया गया। यानी कि एक ही टेंडर में एक ही पत्रांक संख्या जो दो अलग-अलग अनुभव प्रमाण पत्र लगाए गए। जबकि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में शेड्यूल में सड़क निर्माण का कहीं कोई उल्लेख नहीं है, जो कि बाण सागर नहर परियोजना से संबंधित है और सिंचाई विभाग द्वारा सड़क का कोई कार्य कराया ही नहीं गया और न ही इससे संबंधित कोई अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है।
सब प्रपत्रों की जांच की गई है। तीन माह हुए बांड कराए। फर्म ने काम भी शुरू करा दिया है। किसी भी तरह की कोई जालसाजी नहीं की गई है। कुछ लोग अनावश्यक भ्रम फैला रहे हैं। – एसके अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड