उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पंचायत चुनाव में बाहुबल के साथ-साथ ग्लैमर का तड़का लग चुका है। इसी के साथ पंचायत चुनावों में राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कवायद भी शुरू हो गई है। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. पारसनाथ यादव की छोटी पुत्रवधु उर्वशी सिंह यादव भी पंचायत चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं। जौनपुर के वार्ड संख्या-51 से उन्होंने जिला पंचायत सदस्य के लिए दावेदारी पेश की है।उर्वशी सिंह यादव के पिता आईपीएस थे। उर्वशी की प्रारंभिक शिक्षा बोर्डिंग स्कूल से हुई। दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई उन्होंने मेरठ से की। इसके बाद उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से बीटेक किया। उर्वशी ने बताया कि उन्होंने एमबीए की पढ़ाई यूके से की है। पिता की तबीयत खराब होने पर जब वह वापस भारत लौटीं तो उन्होंने आईआईएम बैंगलोर से मार्केटिंग और एनालिटिक्स से एमबीए किया। उर्वशी सिंह यादव का परिवार भी राजनीति में सक्रिय रहा है। उनके परदादा ने 1971 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर से चौधरी चरण सिंह को चुनाव में मात दी थी। उर्वशी सिंह की शादी पूर्वांचल के कद्दावर नेता स्वर्गीय पारसनाथ यादव के छोटे बेटे से हुई है। इस बार के पंचायत चुनाव में उर्वशी सिंह यादव वार्ड नंबर-51 से ताल ठोक रही है।हालांकि समाजवादी पार्टी ने वार्ड संख्या 51 से किसी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके पति का राजनीतिक अनुभव और अपने मैनेजमेंट की पढ़ाई का उपयोग करके वह अपने क्षेत्र का बेहतर विकास कर सकती हैं। उर्वशी सिंह ने बताया कि अगर वह जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में जीत हासिल करती हैं तो वह निश्चित रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए लिए भी दावेदारी पेश करेंगी। फिलहाल उनकी प्राथमिकता क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी व्यवस्था को ठीक करना है। उन्होंने बताया कि उनके ससुर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. पारसनाथ यादव ने भी इसी तरफ अपने राजनीतिक सफर की शुरुवात की थी। पंचायत चुनाव में उनका जुड़ाव जमीनी स्तर की समस्याओं से हो रहा है।