लखनऊ । विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ गई है। भले ही मौसम ठंडा है, लेकिन सियासी पारा गरम होने लगा है। प्रदेश की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। तो बाकी पर समाजवादी पार्टी व अन्य काबिज है। चुनाव की तिथि घोषित होते ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति पर अमल तेज कर दिया है।चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर तात्कालिक रोक लगाए जाने के बाद पार्टी ने इंटरनेट मीडिया पर फोकस करना शुरू कर दिया है। संबंधित टीमों को रातों रात बुलाना शुरू कर दिया है। हालांकि पार्टी हाल के दिनों में जन विश्वास यात्रा एवं किसान सम्मेलन तथा अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण व शिलान्यास के जरिए अपने शीर्ष नेताओं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा अन्य नेताओं का दौरा व जनसभा प्रदेश के विभिन्न जिलों में कराने में सफल रही है।
भारतीय जनता पार्टी का जिस विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा है उसके अलावा पार्टी का फोकस उन क्षेत्रों में ज्यादा है जहां उसका अब तक खाता नहीं खुला है। महीनों पूर्व से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में विभिन्न जनसभाओं के दौरान कई परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया है ।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने भी चुनावी बिगुल बजने से पहले ही अपनी तैयारी तेज कर दी थी। चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद रणनीति पर और तेजी से काम हो रहा है। इससे पहले पार्टी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में छोटे-छोटे सम्मेलन कर चुनावी माहौल बनाने की कोशिश की थी। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व यूपी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का दौरा भी काफी जगहों पर हुआ था। जिन सीटों पर सपा का कब्जा है उन्हे बरकरार रखते हुए पार्टी का पूरा जोर बहुत हासिल करना है । चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिये सपा ने विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन भी किया है । देखना यह है कि चुनाव आयोग रैलियों का स्थगन 15 जनवरी तक ही रखेगा यां आगे भी जारी रहेगा ।