शुद्ध कीमती स्टोन के लिए प्रसिद्ध है जौनपुर का प्रशस्य जेम्स
रिपोर्ट – वारीन्द्र पाण्डेय
रियल व्यू न्यूज , वाराणसी डेस्क । मनुष्य परिस्थितियों का दास है । उसे किसी भी परिस्थिति में धीरज नही खोना चाहिए । अकारण आयी बाधाएं सभी को विचलित कर देती हैं । किंतु जब सब कुछ सही चल रहा हो तो उसी बीच अनावश्यक गतिरोध जीवन में व्यतिक्रम पैदा कर देता है ।
निश्चय ही यह ग्रह दशाओं के परस्पर गतिरोध का ही परिणाम होता है । जन्मागं चक्र में विराजमान चंद्र या सूर्य के अतिरिक्त केतु के वक्री होने का प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ता है । इन सभी के मूल में आप की राशियों के अनुकूल रत्नों को धारण करने का विधान ज्योतिष शास्त्र एवं कर्म ग्रह शांति संहिता में उल्लिखित है । काशी के ज्योतिषशास्त्र एवं कुंडली मर्मज्ञ पंडित राजन मिश्रा का अभिमत है कि सभी को शुद्ध एवं प्रमाणिक पत्थरों, गोमेद, माणिक, पन्ना, मूंगा, नीलम, पोखराज, लहसुनिया अपनी राशि एवं ग्रहों कि दशा के अनुसार धारण करना चाहिए । हृषिकेश पंचांग निर्माण समिति के ज्योतिषी समिति के सलाहकार पंडित संदीप दूबे ने रत्नों के धारण करने से होने वाले प्रभाव को बताते हुए कहा है कि शरीर में किसी भी माध्यम से उपयुक्त पत्थरों या रत्नों के धारण करने से अकाल मृत्यु , दुर्घटना , अपशकुन , विघ्न बाधा दूर होने के साथ व्यापार में भी उन्नति का योग बनता है । वही रत्नों एवं स्टोन विशेषज्ञ डॉ. अवनीश पाठक ने बताया कि सही और शुद्ध रत्नों व पत्थरों में बहुतायत हेरा फेरी का खेल बड़े पैमाने पर किया जाता है । पूर्वांचल में जौनपुर के ओलन्दगंज में प्रशस्य जेम्स नामक संस्थान के निदेशक डॉ. संदीप पाण्डेय ज्योतिषीय गणना के साथ ग्रह दोष निवारण एवं कुंडली में स्थित जन्मान्ग चक्र व राशि के परीक्षणों उपरांत रत्नों एवं स्टोन को उपलब्ध करा रहें हैं । डॉ. संदीप पाण्डेय को इस क्षेत्र का विश्लेषक एवं स्पेशलिस्ट माना जाता है । इन्हें कई ख्यातिलब्ध ज्योतिष संस्थानों द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है ।
प्रशस्य जेम्स ( डॉ. संदीप पाण्डेय ) । पता – प्रथम तल, मिश्रा कांप्लेक्स, ओलंदगंज तिराहा, जौनपुर ।