डोभी , जौनपुर ।स्थानीय क्षेत्र के जरासी गांव में डोभी के ब्लाक प्रमुख अजय प्रकाश सिंह केडी के आवास पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन वृंदावनधाम से पधारे श्रीमद्भागवत के मर्मज्ञ , पं. श्रीकृष्णजी महाराज ने कृष्ण सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर किया l उन्होने कहा कि भारतीय संस्कृति मे कृष्ण सुदामा की मित्रता बेमिसाल है l एक तरफ दीन हीन याचक ब्राम्हण सुदामा और दूसरी तरफ तीनोलोक के स्वामी द्वारिकाधीश श्री कृष्ण है l ऐसे मे श्री कृष्ण मानवता की पराकाष्ठा को आत्मसात करते हुये जिस तरह सुदामा को अपनाते और महत्व देते है वह लोक जीवन मे अनुकरणीय है l उन्होने यह भी कहां कि उस मित्रता के वृतांत को सुनकर लोग द्रवित अवश्य होते है किन्तु उसे अपना पाना कठिन है l इसके मूल मे कारण यह है कि श्री कृष्ण जैसा त्रिलोक का स्वामी अब तक दूसरा नही हुआ l दूसरी ओर सुदामा जैसै याचक पृथ्वी पर बहुताय है l कथा के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुये श्री शुक्ल ने कहा कि प्रेम और श्रद्धा भी द्वारिकाधीश की अपूर्व रही है l बाल्यकाल मे भी जब गुरु आश्रम के बीच शिक्षा के उपरान्त ईधन के लिये लकड़ी तोड़ने, उसका बोझ पहुचाने पानी भरने का प्रश्न आता तो भी कृष्ण सुदामा से आगे बढ़कर श्रम के कार्य को अपने कर लेते थे और सुदामा को करने नही देते थे l इसके पीछे कारण था की सुदामा शरीर से कमजोर थे l दूसरे रोचक प्रसंग मे उन्होने बताया कि करुणानिधि एकाएक अपने दरबार मे सुदामा की दीन दशा को देखकर जिसप्रकार बेहाल होकर रोये है l उसे देखकर रुक्मिणी आश्चर्यचकित रह जाती है l वह यह नही समझ पाती की दया के सागर भगवान श्री कृष्ण यह क्या कर रहे है l अपने आसन पर सुदामा को बैठाकर करुणानिधि सुदामा के पांव मे चुभे कांटों को निकालते है तो उस समय दर्द से चीखते सुदामा कहते है कि मित्र ! यहां भी मेरे पैर मे काटें चुभो रहे हो क्या l श्री कृष्ण हँसते है और कहते है काटें चुभो नही निकाल रहा रहा हूँ l
अपने मनोविनोद के लिये चर्चित श्री कृष्ण वहाँ भी विनोद करने से नही चूकते है और सुदामा से पूछते है की भाभी ने मेरे लिये कुछ नही भेजा है l दरअसल मे सुदामा अपनी पत्नी द्वारा फटे हुये कपड़े की पोटली मे बधे सवां के चावल को लज्जा वश दबाये रखते है l इसपर कृष्ण को मौका मिल जाता है और वह कह उठते है……… आगे चना गुरुमात दियो त लयों तुम चाभी हमै नही दीन्हौ l पाछिलि बानी अजौ न तजौ तुम, तैइसै भाभी के तंदुल कीन्है l
कथा के समापन पर मंगलआरती के साथ प्रसाद का वितरण किया गया । इस अवसर पर उत्तर प्रदेश भाजपा के एमएलसी व पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर , केराकत के पूर्व विधायक दिनेश चौधरी , बजरंगनगर मंडल अध्यक्ष संजय सिंह , डा.नृपेद्र सिंह , रामप्रकाश सिंह , मुन्ना सिंह , सतीश सिंह , शिवबालक यादव , वरिष्ठ पत्रकार वारीन्द्र पाण्डेय , प्रवीण कुमार सिंह , अमित सिंह , संजय सिंह सहित सैकड़ों भक्तगण भागवत की ज्ञानगंगा में गोता लगाए । कथा के आयोजक डोभी ब्लाक प्रमुख अजय प्रकाश सिंह के डी नें सभी आगतजनों को सम्मानित किया ।