खुली बैठक कर तहसीलदार अमित त्रिपाठी ने एकत्र किया पट्टादारो की जानकारी
रिपोर्ट दीपक शुक्ला
मछलीशहर , जौनपुर । मछलीशहर तहसील के कटाहित गाव में पट्टे का मामला एक बार फिर तूल पकड़ लिया है । गाव के ही कुछ लोगो ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद की विनयन समीक्षा समित के पास शिकायत किया कि गाव में सरकारी जमीन का पट्टा उन लोगो को मिला है जो कि इसके पात्र नही है उनका पट्टा निरस्त होना चाहिए । इसको ध्यान रखते हुए शासन ने गाव में हुए आवासीय पट्टे की जानकारी मागते हुए रिपोर्ट तहसील प्रसाशन से प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश को 28 दिसम्बर को देने को कहा है ।
तहसीलदार अमित त्रिपाठी ने बताया कि गाव में सन 1992 में 73 लोगों को सन 1996 में 64 लोगों को और सन 1995 में 15 लोगों का आवासीय पट्टा दिया गया था । गांव के ही कुछ लोगों ने उत्तर प्रदेश शासन से इस बात की शिकायत की थी कि गांव में जिन लोगों का पट्टा किया गया है उनके सबके पक्के मकान हैं कई लोगों की सरकारी नौकरियां भी हैं । उसके बाद भी गलत तरीके से एक ही जाति के अधिकांश लोगों को पट्टे दे दिए गए हैं । शिकायत की जांच के लिए शासन ने तहसीलदार मछलीशहर और उप जिलाधिकारी मछलीशहर को जांच करके आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया उप जिलाधिकारी मछलीशहर के निर्देश पर तहसीलदार मछलीशहर अमित कुमार त्रिपाठी ने गांव में लेखपाल और कानूनगो की टीम के साथ खुली बैठक की सभी पट्टेदारों को बुलाकर सभी की जानकारी एकत्र किया और इसकी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दिया है । इस सम्बन्ध में पूछने पर उपजिलाधिकारी मछलीशहर अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि पट्टा आवंटन में धांधली की शिकायत शासन से की गयी थी अब इसकी रिपोर्ट बनाकर भेज दी गयी है जो भी अपात्र लोग हैं उनके पट्टे निरस्त किए जाएंगे और पट्टा देते समय उन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी जिन्होंने अपात्र लोगो को पट्टा दिया था । इधर पट्टे की जांच को लेकर लोगो में खलबली मची हुई है लोगों में इस बात को लेकर धङकन बड़ गयी कि जो आपात्र हैं उनका क्या होगा ।
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