मछलीशहर, जौनपुर । मिर्जापुर के बाद अब जौनपुर में भी एक व्यक्ति खुद को कागजों में जिंदा साबित करने के लिए तहसील के चक्कर काट रहा है। गोधना गांव निवासी मंगरू राम खुद का आरोप है कि उन्हें पट्टे पर मिली जमीन को लेखपाल ने दूसरे के नाम वरासत कर दी है, जबकि वह अभी जिंदा है लिहाजा वरासत नहीं हो सकती। मामला सामने आने के बाद तहसीलदार ने हलका लेखपाल से इसकी रिपोर्ट मांगी है।
गोधना गांव निवासी मंगरू का आरोप है कि राजस्व अभिलेखों में उन्हें मृत घोषित कर उनकी संपत्ति दूसरे के नाम वरासत कर दी गई। जानकारी होने पर वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए तहसील का चक्कर काट रहे हैं। गोधना गांव निवासी मंगरु पुत्र सियंबर के नाम पट्टा हुआ था। मंगरु का आरोप है कि हलका लेखपाल को असंक्रमणीय आराजी को संक्रमणीय करने का अनुरोध किया तो लेखपाल ने सुविधा शुल्क की मांग की। पैसे की व्यवस्था न करने पर राजस्व अभिलेखों में उन्हें मृत घोषित कर अनुसूचित जनजाति (मुसहर) की केवला देवी व राजितराम पुत्र रमई के नाम वरासत दर्ज कर दी गई। जबकि पट्टेदार मंगरू अनुसूचित जाति के है। उन्होंने तहसील से खतौनी प्राप्त की तो उससे पता चला कि उनके नाम पट्टा की गई अराजी को दूसरे को वरासत कर दिया गया है। तहसीलदार अमित कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शिकायत मिली है। इस बाबत हलका लेखपाल से रिपोर्ट तलब की गई है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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