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Saturday, June 10, 2023

जाने ! संक्रांति के उपरांत किस राशि के जातक कों कौन सा दान करना चाहिए #Realviewnews

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शास्त्रों के अनुसार मकर में भगवान सूर्य की संक्रान्ति होने पर शुरू के आठ घंटे के भीतर यदि कोई व्यक्ति दान पुण्य करता है तो उसका विशेष महत्व होता। इस वर्ष 14 जनवरी को दिन में 2.27 के बाद आठ घंटे तक किए गए दान का अभीष्ट लाभ मिलेगा।
मकर संक्रांति के दिन गरीबों – जरूरतमंदों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान देना विशेष फलदायी होता है। इस दिन से सभी शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध भी समाप्त हो जाता है। इस पर्व पर खिचड़ी सेवन और खिचड़ी दान का अत्यधिक महत्व होता है।
सूर्य उत्तरायण के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए। पानी में तिल मिलाकार स्नान, गंगा स्नान, तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व अधिक है।इसके बाद भगवान सूर्यदेव को पूर्वामुख होकर अर्घ्य दें और गायत्री मन्त्र जप करना चाहिये।
किसी से भी रूखा व्यवहार न करें।
मकर संक्रांति पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर करना चाहिए।

मकर संक्रान्ति पर अपनी राशि के अनुसार कौन सा दान करना चाहिए –

मेष – तिल – गुड़ का दान करें , उच्च पद की प्राप्ति होगी।
वृष – तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें, बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी।
मिथुन – जल में तिल, दूर्वा तथा पुष्प मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें, ऐश्वर्य प्राप्ति होगी।
कर्क – चावल,मिश्री और तिल का दान करे, कलह – संघर्ष आदि व्यवधानों पर विराम लगेगा।
सिंह – तिल, गुड़, गेहूं, सोना दान करें, नई उपलब्धि की प्राप्ति होगी।
कन्या – जल में पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें, शुभ समाचार की प्राप्ति होगी।
तुला – श्वेत चंदन, दूध और चावल दान का दान करें शत्रु अनुकूल होंगे।
वृश्चिक – गुड़ दान करें विदेश सम्बन्धित कार्यों में लाभ होगा।
धनु – जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प तथा तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें विजय की प्राप्ति होगी।
मकर – जल में तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें अधिकार प्राप्ति में सफलता मिलेगी।
कुंभ – तिल का तैल दान करने से विरोधी परास्त होंगे।
मीन – हल्दी, केसर, पीला पुष्प और तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्यं करें और केसर का दान करें सम्मान और यश में वृद्धि होगी।

भगवान सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण है, कहते हैं इसी त्यौहार पर सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं अगर कुंडली में सूर्य या शनि की स्थिति ख़राब हो तो इस पर्व पर विशेष तरह की पूजा से उसको ठीक कर सकते हैं।
श्रीमद्भागवद के एक अध्याय का पाठ करें,या गीता का पाठ करें।
संध्या काल में अन्न का सेवन न करें
तिल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें।
शनि देव के मंत्र का जाप करें “ॐ प्रां प्री प्रौं सः शनैश्चराय नमः”।
घी,काला कम्बल और लोहे का दान करें।

पं. संदीप दूबे 

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