14 जनवरी 2020 गुरूवार को मकर संक्राति दोपहर में 2 बजकर 37 मिनट पर लग रही है ।परंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि इसका पुण्यकाल सूर्य अस्त तक ही रहेगा। इसलिए 14 जनवरी कों सुबह में स्नान करके कुछ फलाहार किया जा सकता हैं । तत्पश्चात दोपहर में 2.37 के बाद स्नान दान करके अन्न ग्रहण कर सकते है ।
रही बात पुण्यकाल की तो कुछ विद्वानों का मत है की संक्रान्ति से 16 घन्टे पहले और 16 घण्टे बाद में पुण्यकाल होता है। परन्तु कुछ विद्वानों का मत है कि सभी संक्रान्ति में ऐसा नहीं होता है कुछ संक्रान्ति में संक्रान्ति लगने से पहले ही उसका पुण्यकाल होता है और कुछ में संक्रान्ति लगने के बाद में साथ ही साथ कुछ में पहले और बाद दोनों लगता है। मकर संक्रांति में बाद के ही पुण्यकाल का महत्व है।
कुछ विद्वानों का मत है कि यदि दिन में मकर संक्रान्ति लग रही है तो उसका पुण्यकाल सूर्य अस्त तक ही होना चाहिए क्योंकि रात्रि में स्नान दान लोग नहीं कर सकते है। और यदि रात्रि में लगा हो तो दूसरे दिन उसका पुण्यकाल हो सकता है। समय सीमा 8 से सोलह घंटे का ही होगा।
जैसे 2022 में लगने वाला मकर संक्रान्ति 14 जनवरी को रात्रि 9.00 बजे के आस पास लगेगा इसलिए 15 जनवरी 2022 को मकर संक्रान्ति रहेगी।
बात 2021 की करें तो गीताप्रेस एवं हृषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार मकर संक्रान्ति दोपहर में 2.37 पर ही लग रही है। परन्तु विश्व पञ्चाङ्ग का मत थोड़ा सा अगल है उनके अनुसार दोपहर 1.49 पर मकर संक्रान्ति लग रही है।
जालन्धर (पंजाब) के निकलने वाले पञ्चाङ्ग के अनुसार दिन में 8.14 पर मकर संक्रान्ति लग रही है और उसका पुण्यकाल दोपहर 2.38 के आस पास ही है। परन्तु हम काशी क्षेत्र में है तो हमारे लिए यहाँ के लिए हृषिकेश पञ्चाङ्ग एवं गीता पञ्चाङ्ग ही सर्वमान्य है । इसके अनुसार संक्रांति का पुण्यफल 14 जनवरी सुबह से हीं माना जाएगा । इसलिए स्नान ध्यान एवं खिचड़ी उत्सव 14 जनवरी कों ही होगा ।