● स्नान-दान-व्रत की पूर्णिमा।
● शाकम्भरी जयन्ती।
👉 माघस्नान-व्रत-नियम का आरम्भ।
👉 प्रतिदिन अरूणोदय काल में समुद्र या काशी में दशाश्वमेध तथा प्रयाग में स्नान करना चाहिए।
प्रयाग माघ मेला प्रारम्भ।
पुष्याभिषेक यात्रा।
[td_block_11 custom_title="खबरे आज की " sort="random_today" block_template_id="td_block_template_8" border_color="#f91d6e" accent_text_color="#1a30db"]