रियल व्यू न्यूज , बिहार । दो दशक पहले शेखपुरा जिले के नवादा और नालंदा के सीमावर्ती इलाका अपराधियों के आपसी वर्चस्व और जातीय संघर्ष की की चपेट में था। यहां दो बीडीओ, एक जेई एवं पूर्व सांसद राजो सिंह की हत्या अपराधियों ने कर दी थी। इसी के साथ टाटी और मनीपुर नरसंहार भी हुआ।इसमें कुख्यात महतो गिरोह के सरगना को पकड़कर पुलिस ने जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया। इसमें तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित लोढ़ा की अहम भूमिका रही। इसी अपराध की घटना को लेकर अमित लोढ़ा ने एक पुस्तक बिहार डायरी लिखी। उस पुस्तक के आधार पर चर्चित निर्माता निर्देशक नीरज पांडे ने खाकी,द बिहार चैप्टर वेब सीरीज का निर्मण किया।
कसार थाना केंद्र बिंदु
इस वेब सीरीज को शुक्रवार को नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित किया गया। वेब सीरीज में शेखपुरा जिले का कसार थाना केंद्र बिंदु में है। वहीं मानिकपुर नरसंहार की कहानी को ध्रुरी बनाते हुए पूरे वेब सीरीज में राजनीति और अपराध के गठजोड़ को भी रेखांकित किया गया है। कसार थाना के केंद्र बिंदु में यहां के थानाध्यक्ष रंजन कुमार को रखा गया है। नरसंहार के अमित लोढ़ा पुलिस अधीक्षक बनते हैं। फिर इस पूरी कहानी में चमनपरास नामक एक किरदार चंदन महतो का दाहिना हाथ बनकर आता है।
अमित लोढ़ा का चंदन महतो से टकराव
अमित लोढ़ा का चंदन महतो के टकराव को भी दिखाया गया है। इसी बीच मोबाइल तकनीक का सहारा लेकर चंदन महतो की साहिबगंज से गिरफ्तारी और उसके साथी चमनपरास के देवघर से गिरफ्तारी की कहानी दिखाई गई है। हालांकि यह पूरी कहानी सच्ची घटना पर आधारित है परंतु इसमें किसी स्थानीय अपराधी का नाम का जिक्र नहीं करते हुए काल्पनिक नाम दिया गया है। पूरे कहानी में अमित लोढ़ा हीरो उभरे हैं। कसार के थानाध्यक्ष रंजन कुमार की भूमिका भी सराहनीय रही है।
राजस्थान के रहने वाले हैं आइजी अमित लोढ़ा
इसी में मानिकपुर गांव में नरसंहार के बाद यहां के एक मुखिया के द्वारा पुलिस को पूरा सहयोग दिया जाता है और चंदन महतो की गिरफ्तारी में पुलिस के साथ मिलकर महत्वपूर्ण काम करते हुए दिखाया गया है। वेब सीरीज में शेखपुरा नगर में चंदन महतो को पकड़कर घुमाने का भी दृश्य दिखाया गया है। अमित लोढ़ा अभी आइजी के पद पर पटना पुलिस मुख्यालय में हैं। वे राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं। बातचीत में उन्होंने ने बताया कि विवाद न हो इसलिए चरित्र का नाम बदल दिया गया है। वेब सिरिज सच्ची घटना पर आधारित है।