नई दिल्ली । बिना वजह समर्सीबल, जलकल, पंपिंगसेट से जल दोहन कर पानी को बर्बाद करने वालों के लिए बुरी खबर है, किंतु देश में जल संरक्षण आंदोलन चलाने वालों के लिए यह अच्छी खबर है ।
पीने योग्य भूजल का अपव्यय या दुरुपयोग अब भारत में दंडनीय अपराध होगा। केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) के एक निर्देश में कहा गया है कि उल्लंघन करने वालों को पांच साल तक की कैद या जुर्माने का सामना करना पड़ेगा जो 1 लाख रुपये तक हैं ।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत 8 अक्टूबर को जारी निर्देश में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति भूमिगत से दोहन किए गए पीने योग्य जल संसाधनों को बर्बाद या दुरुपयोग नहीं करेगा।”