खुटहन, जौनपुर । ग्राम पंचायतो के चुनाव को लेकर मतदाता सूची का 1 अक्टूबर से पुनर्निरीक्षण का चुनाव आयोग से एलान होते ही गांवो में जहां चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। वहीं पुनर्निरीक्षण की नियत तिथि से एक पखवाड़ा बीतने को है, लेकिन सूची के साथ अभी तक गांवों में बीएलओ के न पहुंचने से नये जुड़ने वाले मतदाताओं में रोश ब्याप्त है। वे आये दिन बीएलओ की खोज में विद्यालयो का चक्कर लगा रहे है। गावों में तैनात बीएलओ का कहना है कि अभी हमें बस्ता ही उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। ऐसे में हम गांव जाकर कर ही क्या सकते है।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार पहली अक्टूबर से पुरानी मतदाता सूची के साथ नाम बढ़ाने या काटने व सुधार करने के अलग अलग फार्मो के साथ बीएलओ गांव में पूर्व निर्धारित स्थल प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन या आँगनबाड़ी केन्द्रों पर मौजूद रहेंगे। सूची का अंतिम प्रकाशन 31दिसंबर को होना है। आदेश के 12 दिन बीत जाने के बाद भी दर्जनो गावों में बीएलओ के दर्शन नहीं हुए। यहां तक कि अभी तक तमाम ग्रामीणो को यह भी पता नहीं कि हमारे गांव में किसे बीलओ की
जिम्मेदारी सौंपी गई है। लापरवाही का यही आलम रहा तो पुनर्निरीक्षण का शत प्रतिशत अनुपालन होना असंभव दिख रहा है।
पूरे विकास खण्ड में कुल 95 ग्राम पंचायते है। जिसमें 333 राजस्व गांव है। सभी गावों को मिलाकर पौने दो लाख से अधिक मतदाता है। प्रत्येक गावों में एक एक बीएलओ की तैनाती की गई है। एक चौथाई गावों को छोड़ कही भी निर्धारित स्थल पर जिम्मेदार पहुंच नही रहे है। जहाँ बीएलओ मौजूद भी हैं। उनके पास न तो सूची है और न ही फार्म। ऐसे में यह महत्वपूर्ण कार्य अधूरा ही रह जाना अवश्यंभावी दिख रहा है। इस संबंध में एसडीएम शाहगंज से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होने फोन ही नहीं उठाया। तहसीलदार ने पीसीएस परीक्षा ड्यूटी का हवाला देकर बाद में बताने की बात कही। वहीं एडीओ पंचायत बिजय बहादुर ने बताया कि बीएलओ किट तहसील मुख्यालय पर आगयी है। जल्द ही उसका बितरण किया जायेगा।