रिपोर्ट – शिवशंकर दूबे
खुटहन ( जौनपुर) । सौरइया गाँव में बीते गुरुवार को सिरफिरे युवक के द्वारा स्कूल से वापस आरही शिक्षिका को गोली मार खुद का भी भेजा उड़ा लिए जाने के मामले मे घायल शिक्षिका
का वाराणसी के ट्रामा सेंटर में सफल आपरेशन किया गया। उसके सीने में फंसी गोली चिकित्सको ने निकाल दिया है। अब वह खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
ज्ञातव्य हो कि उक्त गाँव निवासी रामचंदर यादव की पुत्री नीतू (23) जो कि एक निजी विद्यालय में शिक्षिका है। वह गुरूवार को स्कूल से साइकिल से वापस घर आ रही थी। तभी रास्ते में सरपतहा थाना क्षेत्र के घुघुरी सुल्तानपुर गांव निवासी अंकुल यादव (25) ने अपनी बाइक से ओवरटेक कर उसे रोक लिया। वह कुछ समझ पाती तब तक तमंचा निकाल वह उसके सीने पर फायर झोंक दिया। गोली लगते ही नीतू गिरकर छटपटाने लगी। तभी युवक ने दूसरे तमंचे से अपनी कनपटी पर फायर कर लिया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। घायल शिक्षिका का उपचार वाराणसी के ट्रामा सेंटर में चल रहा है। उसकी हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है।

एसडीएम के आश्वासन के बाद दूसरे दिन हुआ शव दाह
सुरक्षा, आर्थिक सहायता व हत्यारो की गिरफ्तारी को अड़े थे स्वजन
खुटहन ( जौनपुर) । चककुतबी गांव में बीते गुरुवार को खुटहन मार्ग पर अज्ञात बदमाशों के द्वारा गोली मार युवक की हत्या के मामले में अंत्य परीक्षण के बाद शव घर पहुंचते ही स्वजनो में कोहराम मच गया। घटना से आक्रोशित स्वजनो ने शव घर पर रख प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस के लाख समझाने के बाद भी वे शवदाह को राजी नहीं हो रहे थे। मौके पर पहुँचें एसडीएम राजेश वर्मा और सीओ अंकित कुमार के आश्वासन के बाद शव घर आने के 15 घंटे बाद स्वजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए।
गांव निवासी सत्यप्रकाश मिश्रा उर्फ वकील (39) की बदमाशो ने गोली मार उस समय हत्या कर दी थी, जब वे गुरूवार की शाम पट्टीनरेंद्रपुर गांव से वापस घर आ रहे थे। हत्या के बाद बदमाश फरार हो गये थे। गांव के मोड़ पर फायर की आवाज सुन पहुंचे ग्रामीणो ने देखा कि सत्यप्रकाश औंधे मुंह पड़ा है। उसकी सिर में गोली लगी थी। पुलिस उसे सीएससी ले गयी। जहाँ चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया था। शव को अंत्य परीक्षण हेतु भेज दिया गया था। जहाँ से शुक्रवार की शाम शव घर लाया गया।
आक्रोशित मृतक के स्वजन शव घर पर रख प्रदर्शन करने लगे। वे सुरक्षा, आर्थिक सहायता और हत्यारो की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उच्चाधिकारी के मौके पर आने के बाद शवदाह करने को लेकर अड़ गये। दूसरे दिन सुबह मौके पर पहुँचें एसडीएम और सीओ ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराए जाने तथा परिवार को अहेतुक सहायता तथा किसान बीमा का धन दिलाने का आश्वासन दिया। तब जाकर परिवार के लोग अंतिम संस्कार को तैयार हुए।
विज्ञापन